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बेहया

बेहया

 मर्द का कलेजा होगा, तभी पढ़ना 13 वर्षीय बेटी की सच्चाई | उसे उस समय "बेहया" कहा गया जिस समय उसे "बेहया" शब्द का मतलब भी नहीं पता था | वो ऐसे बेहया शब्द को समझती थी कि जैसे सबका नाम कुछ न कुछ होता है वैसे ही उसका नाम भी "बेहया" ही है |


एक दिन जब वो अपने भाईयों के साथ अपने दुवार पर खेल रही थी तब पापा ने उसे चिल्लाकर खेलने से मना किया और बेहया कहा |


एक दिन जब भाई- बहन का आपस मे झगड़ा हुआ तो भाई ने उसे बातों-बातों में बेहया कहा |


एक दिन मम्मी ने उससे कहा कि स्कूल से आकर गाय के लिए सीधे घास/चारा कर दिया करो, बेहयाई करने के लिए तुम्हारे पास खूब समय है, घर के काम के लिए नही,


उसने कहां की वह पढ़ना चाहती है, नाम रोशन करना चाहती है, लेकिन घर वालों ने 16 वर्ष की उम्र में उससे अधिक अधेड़ उम्र के साथ शादी कर दी |


अब वो ससुराल आ गयी,


खाने में नमक कम अधिक होने पर सास-ससुर, ननद-भौजाई सभी ने बेहया कहा |


वह डरी सहमी थी | ससुराल वालों ने कहा कान खोलकर सुन लो, लड़का नही हुआ ना तो उसी दिन मरा समझना अपने को और घर छोड़कर चली जाना |


एक रात पति परमेश्वर शराब पीकर आये और बाल खींचकर थप्पड़ मारते हुए बोले सुन ! अगर इस घर का वंश (बेटा) पैदा न पैदा हुआ तो वो हाल करूँगा तेरा की रूह कांप जाएगी और तेरे "बेहया नाम" से हाथ पर गोदना करवा दूँगा |


अब वह "बेहया" का मतलब समझ चुकी थी | उसे सबने बेहया कहा, उस पर कोई फर्क नहीं पड़ा, लेकिन उसे नामंजूर था कि उसकी आने वाली औलाद उसे बेहया कहती | वह सुन न पाती इससे पहले उसने अपने आपको ईश्वर के घर समर्पित करना उचित समझा |


उसका यह फैसला तो निश्चित था, फिर भी पापा से लगाव होने के नाते वह एक बार वह बात करना चाहती थी और सब कुछ उन्हें बताना चाहती थी | उसे एक बात कि उम्मीद थी कि पापा समझेगे और घर बुला लेगे | इसी उम्मीद से उसने पापा को फोन किया !


Hello पापा ! नमस्ते पापा !


पापा- हां ! क्या बात है ! सब ठीक है वहां ! वहां तो कोई नौटन्की नही कर रही है ना,


वहां के लोगो को तो परेशान नहीं कर रही ,


खाना पीना ढंग से बना रही न,


सुन ! सबको खुस रखना,


वही तेरा घर है,


तेरे भाई की शादी है अगले साल, तो समय मिल जाये तो चली आना |


Hello Papa ! Papa ! Papa !


"Call Cut "


अब उसके लिए कुछ भी शेष नही था |


सारी उम्मीदें खत्म थी |


अब उसने वही फैसला किया जो उसने उचित समझा | ऐसा नहीं कि उसने लड़ने का प्रयास नही किया, लेकिन वह इस लड़ाई में असफल रही | फिर उसने उस दर्दनाक मौत को चुना, जिससे कि वो किसी भी दशा में बचना नही चाहती थी |


उसके पास जहर और मिट्टि का तेल दोनो था | वह दोनो का एक साथ प्रयोग करने वाली थी | वह शायद उस तरह से मरना चाहती थी कि जिंदा रहने की जरा सा भी गुंजाइश न रहे |

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