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बटवारा

 बंटवारा

हो गया बंटवारा ??


क्या मिला बंटवारे में हमें ??


पत्नी जानकी सुमित से बोली....


जो अभी थक हारकर कंधों पर गमछा डाले गांव से आया था....


उदास होकर बोला...


कुछ नहीं जानकी....


बड़े भाई साहब को हमसे ज्यादा जमीन मिली है....


और घर में हिस्सेदारी भी थोड़ी ज्यादा ....


मैंने कुछ कहा नहीं ....आखिर उनकी बिटिया सयानी है...



ब्याह सर पर है उसका....


आखिर वह बड़े हैं...


आप उदास क्यों होते हो जी....


कम - ज्यादा तो चलता रहता है धन संपत्ति में....


इसकी वजह से रिश्ते खराब करना गलत बात है....


रिश्ते बंटवारे से ऊपर हैँ जी...



यह बन रहे ....


मुझे और कुछ नहीं चाहिए ....


अपनी पत्नी की यह बात सुन सुमित मुस्कुरा दिया....


सच ही कहा है तुमने जानकी ....


भाई साहब मुझे बहुत ही वात्सल्य की नजरों से देख रहे थे....

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